*प्रदेश के 2101 इंजीनियर, 600 अधिक कृषि सखी को दिया जा रहा प्रशिक्षण
*सीएम डॉ. यादव की घोषणा को मूर्तरूप देने में जुटा पंचायत-ग्रामीण विकास विभाग का मनरेगा
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रदेश में एक बगिया मां के नाम परियोजना, गंगोत्री हरित योजना और नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों पर पौधरोपण करने की घोषणा के बाद से योजनाओं को मूर्तरूप दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने नदियों के पुर्नजीवन, संरक्षण, संवर्धन के लिए नदियों के उद्गमस्थलों पर पौधरोपण के लिए अधिकारियों को बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों पर पौधरोपण किया जाएगा। एक बगिया मां के नाम परियोजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, नदियों के संरक्षण-संवर्धन और मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। नई-नई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इस स्तर के इंजीनियरों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
प्रदेश में पौधरोपण का कार्य बेहतर तरीके हो सके, इसके लिए मनेरगा प्रदेश के 2101 कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री (आरईएस एवं मनरेगा) को प्रशिक्षण दे रहा है। उन्हें तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण में 36 कार्यपालन यंत्री आरईएस, 215 सहायक यंत्री, 47 डीपीएम एसआरएलएम और 1803 उपयंत्री शामिल हैं।
पौधरोपण के कार्य में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग
प्रदेश में पहली बार ऐसा होगा जब पौधरोपण के कार्य में अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) का उपयोग किया जाएगा। पौधे लगाने से पहले संबंधित जिले की जलवायु, मिट्टी का परीक्षण, एग्रो क्लाइमेट जोन के आधार पर पौधों की प्रजातियों का चयन, स्थल चयन, पानी की उपलब्धता सहित अन्य जरूरी गतिविधियों का पता लगाया जाएगा। साथ ही, अगर सॉफ्टवेयर यह बताता है कि संबंधित जगह पर पौधे नहीं लगाए जा सकते, वहां पौधरोपण नहीं होगा।
626 कृषि सखी को दिया जा रहा प्रशिक्षण
एक बगिया मां के नाम अभियान अंतर्गत स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए उनकी निजी जमीन पर फल वाले पौधे लगाए जाएंगे। समूह की महिलाओं को पौधे लगाने की सही जानकारी हो, इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 626 कृषि सखी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कृषि सखी, अपनी निजी जमीन पर पौधे लगवाने वाली स्वसहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी। साथ ही पौंधों के चयन से लेकर समस्त गतिविधियों में उनका सहयोग करेंगी।