दुनिया एक और युद्ध के मुहाने पर खड़ी है. अब तक यूक्रेन-रूस और इज़राइल- हमास की वजह से ही तबाही मची हुई थी कि एक और देश युद्ध की आग में जलने को तैयार है. हम बात कर रहे हैं ईरान की. ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने पर अभी तक सहमत नहीं हुआ है.अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को हर हाल में रोकने की बात कही है.सूत्रों के हवाले से खबर है कि इज़राइल अब ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
ऐसे में हमें ये जान लेना भी ज़रूरी है कि ईरान इस युद्ध का सामना किस ताकत से करेगा. अगर युद्ध हुआ तो इसमें जो सबसे अहम हथियार होगा, वो ईरानी ड्रोन है. इस सस्ते और मारक हथियार से होने वाला नुकसान यूक्रेन देख चुका है क्योंकि रूस ने इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है. ईरानी ड्रोन तकनीक ने मध्य पूर्व और वैश्विक सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डाला है. ईरान समर्थित समूहों तक इन ड्रोन की पहुंच है और वे इन्हें दुश्मन देशों को भी निर्यात करते हैं.
यूक्रेन-रूस युद्ध में दिखा ट्रेलर
जुलाई 2022 में पहली बार ऐसी खबरें आईं कि ईरान रूस को ड्रोन सप्लाई कर रहा है. 11 जुलाई को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि ईरान रूस को कई सौ ड्रोन भेजने की तैयारी कर रहा है, जिनमें हथियारों से लैस ड्रोन भी शामिल हैं. अक्टूबर 2022 में ही यूक्रेनी सेनाओं ने रूसी हमलों में ईरानी निर्मित शहीद-136 ड्रोन की पहचान करनी शुरू कर दी, जिससे यह पुष्टि हो गई कि ये ड्रोन युद्ध में तैनात किए जा रहे हैं. Council on Foreign Relations के मुताबिक ईरान ने रूस को 3000 ड्रोन दिए हैं. जून, 2023 में यूएस इंटेलिजेंस की रिपोर्ट ने बताया कि रूस येलाबुगा में खासतौर पर Shahed-136 के प्रोडक्शन के लिए यूनिट बनाई है, जिसे उसने Geran-2 का नाम दिया. 2025 के मध्य तक वो इस तकनीक वाले 6000 ड्रोन बना सकता है.