Opinion: अब मध्यप्रदेश में दिखेगा मोहन-हेमंत की जुगलबंदी का कमाल

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*एमपी बीजेपी के अध्यक्ष बने हेमंत खंडेलवाल
*सत्ता-संगठन के समन्वय का आदर्श उदाहरण बनेंगे मोहन और हेमंत


मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी का संगठन देशभर में आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता रहा है। चाहे चुनावों की बेला हो, पार्टी स्तर के अभियान हों या फिर संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय का तालमेल। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी खुले मंच से मध्यप्रदेश की संगठन शैली की कई बार तारीफें कर चुके हैं। इस बात का जिक्र इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि मध्यप्रदेश में एक बार फिर सत्ता और संगठन के बेहतर तालमेल की जुगलबंदी होने जा रही है। 


प्रदेश के समग्र विकास के लिए संकल्पित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के रूप में बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल की जोड़ी मध्यप्रदेश को फिर एक नए मुकाम पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। 


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के डेढ़ साल के कार्यकाल से केन्द्रीय नेतृत्व न केवल संतुष्ट हैं बल्कि उसे उनमें प्रदेश के बेहतर भविष्य की तस्वीर दिखाई दे रही है। क्योंकि, मध्यप्रदेश ऩे इतने कम समय में कई प्रतिमान स्थापित कर केन्द्रिय नेतृत्व को सुखद अनुभूति का अहसास कराया है। प्रदेश के विकास की इस गति को द्रुतगति देने के लिए सरकार के साथ संगठन की भूमिका भी अहम होती है। और इसीलिए केन्द्रीय नेतृत्व ने डॉ. मोहन यादव और हेमंत खंडेलवाल की जोड़ी पर मुहर लगाई है। 


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और हेमंत खंडेलवाल दोनों ही संघ पृष्ठभूमि से आते हैं। दोनों ही एक साथ विधानसभा के पटल पर भी बैठे हैं। दोनों ही लो प्रोफाइल होने के बावजूद, सत्ता और संगठन का खूब अनुभव रखते हैं। दोनों के बीच का बेहतर तालमेल और आपसी समन्वय, प्रदेश के विकास के साथ ही संगठन को विस्तारित कर मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करेगा।  


सहजता और सरलता की बात करें तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और हेमंत खंडेलवाल दोनों ही एक दूजे के पर्याय दिखाई देते हैं। दोनों को ही संगठन में काम करने का पुराना अनुभव रहा है। पूर्व में सांसद रहे हेमंत खंडेलवाल पार्टी के कोषाध्यक्ष और बैतूल के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे दूसरी बार के विधायक हैं।  तो वहीं, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी लंबे समय से संगठन में रहकर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे तीन बार के विधायक के साथ ही प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री व अन्य महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वाह कर प्रदेश के मुखिया की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। 


मोहन और हेमंत की यह जोड़ी आने वाले समय में निश्चित ही मध्यप्रदेश के विकास और नागरिकों के कल्याण की दिशा में न केवल इतिहास रचेगी, बल्कि यह जुगलबंदी संगठनात्मक स्तर पर भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

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