प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से मिली प्रेरणा
प्रदेश में शुरू होगी “एक बगिया माँ के नाम” परियोजना
मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख पौधे
इस परियोजना में स्व सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे। लगभग 900 करोड़ की लागत से 30 लाख पौधों को रोपा जाएगा। परियोजना के तहत महिलाओं को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कंटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जलकुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथही, उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
15 अगस्त से शुरू होगा अभियान
“एक बगिया मां के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से शुरू होगा, जो 15 सितंबर तक चलेगा। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।
ऐसे किया जाएगा हितग्राहियों का चयन
“एक बगिया मां के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य, जो फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्छुक हों उनका चयन किया जाए। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा।
सिपरी सॉफ्टवेयर तलाशेगा पौधे लगाने की जगह
“एक बगिया मां के नाम’’ परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए स्थल का चयन सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा। सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा। कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है, इसका भीसिपरीसॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा। उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधारोपण का कार्य नहीं होगा।