सदानीरा समागम: कलाकारों ने सुनाई नदियों की महिमा, सीएम डॉ. मोहन यादव बोले- हम सब की उत्पत्ति ही जल से हुई

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*जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदर्शनी ने दर्शकों का मोहा मन
*सीएम डॉ. यादव ने देखीं सफलता की कहानियां, जल संरक्षण के प्रयास
*25 जून तक भारत भवन में होंगे रंगारंग कार्यक्रम

भोपाल। 'हमारे लिए जल का अत्यधिक महत्व है। कहा गया है कि तीसरा विश्व युद्ध जल के लिए होगा। हमारी संस्कृति लाखों साल पुरानी है। हमारी परंपरा में जल के बिना पूजन का संकल्प पूरा नहीं होता है। व्यक्ति बिना खाना खाए तीस दिन तक जिंदा रह सकता है, लेकिन वह बगैर जल के नहीं रह सकता। केवल ऑक्सीजन ऐसी चीज है, जो मिनटों में व्यक्ति के प्राण ले सकती है। जल में ऑक्सीजन होती है। जैसे ऋषि-मुनियों को किसी सीमा में नहीं बांध सकते, वैसे ही जल को भी किसी सीमा में नहीं बांध सकते। हम तो गंगाजल से ही अपना शरीर छोड़ते हैं। हमारी सरकार ने पिछली बार एक महीने जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया था, इस बार तीन महीने चला रहे हैं।' यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 20 जून को भोपाल के सांस्कृतिक स्थल भारत भवन में कही। सीएम डॉ. यादव यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम सदानीरा समागम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान पर आधारित प्रदर्शनी का खासतौर पर अवलोकन किया। यह प्रदर्शनी जल गंगा संवर्धन अभियान की सफलता की कहानियों और प्रयासों पर आधारित थी। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। सदानीरा समागम का आयोजन 25 जून तक किया जाएगा। इसमें नदियों की महिमा पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।   

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में कहा कि हमने जल की सभी संरचनाओं पर फोकस किया। जल संरक्षण में हमारा खंडवा जिला पहले नंबर पर आया है। प्रदेश को नदियों का मायका है। अमरकंटक की सोन नदी गंगा को विशाल बनाती है। नर्मदा के बिना राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। अगर प्रदेश की नदियों का जल जोड़ दिया जाए तो वे गंगा और यमुना से बड़ी हो जाएंगी। उज्जैन के सिंहस्थ में लोग बड़ी संख्या में 24 घंटे में स्नान कर लेंगे। इस तरह की व्यवस्था शिप्रा के घाट पर की जा रही है। हमारी उत्पत्ति ही जल से हुई है। पहले जल जीव बने उसके बाद धरती के थलचर-नभचर बने। सदानीरा समागम जल संरक्षण के सभी प्रयासों को साकार करने का मंच बना है। इसके लिए सभी को बधाई। 

जल संरक्षण का अदभुत प्रयास

बता दें, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन पर आधारित जिस प्रदर्शनी का अवलोकन किया उसमें बताया गया कि प्रदेश में चले इस अभियान में जनभागीदारी की अदभुत मिसाल देखने को मिली। स्थानीय नागरिकों ने जल संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। इस प्रदर्शनी में उन सफलता का कहानियां भी शामिल थीं, जिन्होंने जल संरक्षण की दिशा और दशा ही बदल दी। गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने 30 मार्च से 30 जून तक 90 दिवसीय जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया है। इसके अलावा सीएम डॉ. यादव ने पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय की मध्यप्रदेश की बावडि़यां, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एवं क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय द्वारा तैयार की गई जलचर एवं वरिष्ठ छायाकार राजेन्द्र जांगले की नर्मदा परिक्रमा पर आधारित छायाचित्रों की प्रदर्शनी अमृतस्य नर्मदा का भी अवलोकन किया। 

समागम की रंगारंग शुरुआत

गौरतलब है कि, 20 जून को सदानीरा समागम की रंगारंग शुरुआत हुई। अंतरंग सभागार में सदानीरा और अमृतस्य नर्मदा फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साउंड ऑफ रिवर में कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। कलाकारों ने गोदावरी संवाद पर आधारित नृत्य नाटिका पेश की। 21 जून को अभिरंग सभागार में सुबह 10 बजे प्रवाह-जल एकाग्र डॉक्यूड्रामा फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। शाम 6:30 बजे अंतरंग सभागार में नदीनामा-कविताओं का पुर्नपाठ आयोजित किया जाएगा। इसमें ख्यातिनाम कलाकार अन्नू कपूर, राजीव वर्मा, करन राजदान, पीयूष मिश्रा, सीमा कपूर, संतोष चौबे प्रस्तुति देंगे। इस दौरान विदुषी शमा भाटे जलीय जीवन पर एकाग्र निःशब्द भेदा नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। 22 जून को अभिरंग सभागार में सुबह 10 बजे प्रवाह-जल एकाग्र डॉक्यूड्रामा फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। शाम 6:30 बजे अंतरंग सभागार में जबलपुर का जानकी बैंड प्रस्तुति देगा। नई दिल्ली की कलाकार पद्मश्री गीता चंद्रन प्राणे जलम पर नृत्य नाटिका पेश करेंगी। 

मणिपुरी शैली में होगी नृत्य नाटिका

23 जून को शाम 6:30 बजे अंतरंग सभागार में नर्मदा जीवन प्रवाह का आयोजन किया जाएगा। इसकी परिकल्पना स्वागतिका स्वाई की है। निर्देशन नई दिल्ली की संगीता शर्मा ने किया है। उसके बाद बेंगलुरु के कलाकार बी. नागराज कालिंदी-आज की कथा नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे। 24 जून को शाम 6:30 बजे अंतरंग सभागार में अथः नदी कथा, जलीय जीव एवं जल संरचनाओं पर एकाग्र वैचारिक समागम प्रस्तुत होगा। इसके बाद नई दिल्ली की निशा त्रिवेदी जलम अमृत नृत्य नाटिका पेश करेंगी। सदानीरा समागम के आखिरी दिन यानी 25 जून को अंतरंग सभागार में शाम 6:30 बजे बनारस के विदुषी रीता देव और पंडित भोलानाथ मिश्र पुरबिया-उपशास्त्रीय गायन पेश करेंगे। इसके बाद कोलकाता की कलाकार बिम्बावती देवी मणिपुरी शैली में नृत्य नाटिका जीवनम पेश करेंगी।

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